16 हाइड्रोजन ट्रक प्रमुख माल ढुलाई मार्गों पर परीक्षण के लिए तैनात, शून्य-उत्सर्जन परिवहन की दिशा में बड़ा कदम
भारत के हरित भविष्य को साकार करने के प्रयास में, टाटा मोटर्स ने देश के पहले हाइड्रोजन-संचालित भारी ट्रकों के परीक्षण की शुरुआत की है।
यह ऐतिहासिक पहल, जो लॉन्ग-डिस्टेंस कार्गो परिवहन को अधिक टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, माननीय केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग) और श्री प्रह्लाद जोशी (नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा) द्वारा हरी झंडी दिखाकर शुरू की गई। इस अवसर पर टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक श्री गिरीश वाघ और अन्य गणमान्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
भारत की नेट-जीरो यात्रा में महत्वपूर्ण पड़ाव
भारत सरकार ने 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। इसी दिशा में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित इस परियोजना का उद्देश्य हाइड्रोजन-संचालित ट्रकों की व्यावसायिक क्षमता का मूल्यांकन करना और उनके निर्बाध संचालन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
ट्रायल की विशेषताएँ
परीक्षण चरण 24 महीनों तक चलेगा।
16 हाइड्रोजन-संचालित ट्रकों की तैनाती की गई है।
ये ट्रक दो उन्नत तकनीकों पर आधारित हैं:
हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन / Hydrogen Internal Combustion Engine(H2-ICE)
हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन / Hydrogen Fuel Cell Electric Vehicle (H2-FCEV)
प्रमुख माल ढुलाई मार्गों जैसे मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर पर परीक्षण होंगे।
हाइड्रोजन ट्रक परीक्षण की मुख्य विशेषताएँ
टाटा प्राइमा H.55S – एक H2-ICE मॉडल और एक H2-FCEV मॉडल।
टाटा प्राइमा H.28 – उन्नत H2-ICE ट्रक।
ऑपरेशनल रेंज – 300 से 500 किमी।
सुरक्षा और आराम – उन्नत ड्राइवर-असिस्ट सुविधाएँ और प्रीमियम केबिन डिज़ाइन।
उद्देश्य – लॉन्ग-डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट के लिए अधिक किफायती, उच्च-प्रदर्शन और पर्यावरण-अनुकूल समाधान प्रदान करना।
टाटा मोटर्स का हाइड्रोजन और वैकल्पिक ईंधन में योगदान
टाटा मोटर्स विभिन्न वैकल्पिक ईंधन तकनीकों जैसे बैटरी इलेक्ट्रिक, सीएनजी, एलएनजी, हाइड्रोजन आईसीई और हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर आधारित मोबिलिटी समाधान विकसित करने में अग्रणी है। कंपनी पहले ही 15 हाइड्रोजन FCEV बसों को सफलतापूर्वक सड़कों पर उतार चुकी है।
भारत में हरित परिवहन की नई दिशा
यह परीक्षण भारत में हरित और स्वच्छ लॉन्ग-डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होगा। टाटा मोटर्स की यह पहल न केवल ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी योगदान देगी।
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