14 मार्च 2025 को भारतीय सिनेमा जगत अपने एक प्रतिष्ठित सदस्य, वयोवृद्ध अभिनेता और फिल्म निर्माता देब मुखर्जी को खो दिया। वह 83 वर्ष के थे और बुढ़ापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु भारतीय सिनेमा में एक युग के अंत का प्रतीक है, विशेष रूप से प्रसिद्ध मुखर्जी परिवार के लिए, जिसने भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
देब मुखर्जी प्रसिद्ध फिल्म निर्माता अयान मुखर्जी के पिता थे । देब मुखर्जी ने वेक अप सिड, ये जवानी है दीवानी और ब्रह्मास्त्र जैसी सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन किया है। वह फिल्म निर्माता जॉय मुखर्जी के भाई भी थे और मुखर्जी परिवार के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे, जिसमें कई मशहूर अभिनेता, निर्देशक और निर्माता शामिल हैं। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान और कला व संस्कृति पर उनकी छाप गहरी रही है।
भारतीय सिनेमा में मुखर्जी परिवार का अहमियत
मुखर्जी परिवार बॉलीवुड के सबसे प्रभावशाली परिवारों में से एक है। देब मुखर्जी प्रसिद्ध फिल्म निर्माता शशधर मुखर्जी के बेटे थे, जो भारतीय फिल्म उद्योग के अग्रदूतों में से एक थे। शशधर मुखर्जी ने फिल्मालय स्टूडियो की स्थापना की थी और हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम युग को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
देब मुखर्जी के भाई जॉय मुखर्जी, 1960 के दशक के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे, जो अपनी रोमांटिक फिल्मों के लिए जाने जाते थे। उनके भांजे में फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर (जो देब मुखर्जी की बेटी के पति हैं) और बॉलीवुड की सुपरस्टार काजोल शामिल हैं। इस गहरे फिल्मी संबंध के कारण देब मुखर्जी बॉलीवुड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कड़ी बने।
कैसा रहा देब मुखर्जी का सिनेमा जगत का सफर ?
देब मुखर्जी ने एक अभिनेता और फिल्म निर्माता के रूप में एक शानदार करियर बनाया। उन्हें इन फिल्मों में उनके अभिनय के लिए जाना जाता है:
“जो जीता वही सिकंदर” (1992)
“लाल पत्थर” (1971)
“टार्ज़न कम्स टू दिल्ली” (1965)
“संबंध” (1969)
1960 और 1970 के दशक में उनकी फिल्मों ने उनके बहुमुखी अभिनय कौशल को प्रदर्शित किया। बाद में, उन्होंने फिल्म निर्माण और प्रोडक्शन में कदम रखा और कैमरे के पीछे से भी उद्योग में योगदान दिया।
कला और संस्कृति के प्रति समर्पित जीवन
बॉलीवुड के अलावा, देब मुखर्जी सांस्कृतिक आयोजनों में भी गहरी रुचि रखते थे, विशेष रूप से नॉर्थ बॉम्बे दुर्गा पूजा समारोह में। मुखर्जी परिवार की दुर्गा पूजा मुंबई में आयोजित सबसे भव्य त्योहारों में से एक है, जहां बॉलीवुड की शीर्ष हस्तियां शामिल होती हैं।
देब मुखर्जी ने इस वार्षिक दुर्गा पूजा समारोह के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने परिवार की समृद्ध बंगाली विरासत को जीवंत बनाए रखा। फिल्म उद्योग में उनके सहयोगी, दोस्त और विस्तारित परिवार उनके नेतृत्व और उपस्थिति को बहुत पसंद करते थे।
अंतिम संस्कार
देब मुखर्जी का अंतिम संस्कार 14 मार्च 2025 को मुंबई में हुआ। रणबीर कपूर,आलिया भट्ट,काजोल,तनुजा, जया बच्चन,अनिल कपूर,ऋतिक रोशन, करण जौहर,सलीम खान और शत्रुघ्न सिन्हा आदि कई बॉलीवुड सितारे उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
अंतिम संस्कार एक भावुक क्षण था, जहां परिवार के सदस्यों और बॉलीवुड सितारों ने इस महान हस्ती को अंतिम विदाई दी।
बॉलीवुड ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
कई सेलिब्रिटीज और फिल्मी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदना व्यक्त की:
अयान मुखर्जी ने अपने पिता के लिए एक भावनात्मक पोस्ट लिखी:“मेरे पिता मेरे सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत थे। उन्होंने मुझे कहानी कहने और सिनेमा की शक्ति का महत्व सिखाया। उनकी आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहेंगे।”
काजोल ने इंस्टाग्राम पर लिखा:
“आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे, काकू। आपके प्यार और ज्ञान के लिए धन्यवाद।”
अमिताभ बच्चन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा:
“देब मुखर्जी एक अद्भुत अभिनेता और एक शानदार इंसान थे। उनका योगदान सिनेमा और संस्कृति में हमेशा याद किया जाएगा।”
अनिल कपूर ने ट्वीट किया:
“आज एक महान व्यक्ति हमें छोड़कर चला गया। आपकी आत्मा को शांति मिले। आपका योगदान हमेशा अमर रहेगा।”
करण जौहर ने लिखा:
“अयान और पूरे मुखर्जी परिवार को मेरी गहरी संवेदनाएं। देब मुखर्जी की सिनेमाई विरासत हमेशा चमकती रहेगी।”
देब मुखर्जी का करियर सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं था। उन्होंने भारतीय संस्कृति, सिनेमा और पारिवारिक परंपराओं को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका प्रभाव उनके बेटे अयान मुखर्जी के माध्यम से बॉलीवुड में जारी रहेगा, जिन्होंने पहले ही खुद को एक सफल फिल्म निर्माता के रूप में स्थापित कर लिया है।
उनका कला और सिनेमा के प्रति समर्पण, युवा प्रतिभाओं को मार्गदर्शन देने की भूमिका, और दुर्गा पूजा जैसे सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी उनकी विरासत को अमर बनाएगी।
मुखर्जी परिवार की विरासत का भविष्य
देब मुखर्जी के निधन के साथ, मुखर्जी परिवार की फिल्मी और सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब अगली पीढ़ी पर है। अयान मुखर्जी अपने आगामी प्रोजेक्ट्स के माध्यम से अपने पिता की विरासत को सम्मानपूर्वक आगे बढ़ाएंगे।
इसके अलावा, काजोल, रानी मुखर्जी और आशुतोष गोवारिकर जैसे परिवार के अन्य सदस्य भी भारतीय सिनेमा में अपना योगदान जारी रख रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मुखर्जी परिवार की विरासत बॉलीवुड में जीवित रहे।
देब मुखर्जी का निधन बॉलीवुड के लिए एक बड़ी क्षति है। न केवल उनके अभिनय और फिल्म निर्माण के कारण, बल्कि उनके भारतीय कला और संस्कृति में योगदान के कारण भी। उनकी विरासत एक अभिनेता, फिल्म निर्माता और सांस्कृतिक दूत के रूप में आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।