बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीबी सहयोगी डॉ. रब्बी आलम ने की हसीना की वापसी की पुष्टि
यूनाइटेड स्टेट्स अवामी लीग के उपाध्यक्ष डॉ. रब्बी आलम के अनुसार, शेख हसीना जल्द ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में वापसी करेंगी। हाल ही में ANI से कलकत्ता में बातचीत के दौरान डॉ.आलम ने भारत की भूमिका की सराहना की, जिसने हसीना की सुरक्षा सुनिश्चित की और बांग्लादेश में जारी राजनीतिक संकट के बीच अवामी लीग नेताओं को शरण दी।
यूनुस सरकार की वैधता को नकारा
डॉ.आलम ने नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार को अवैध करार दिया। उन्होंने यूनुस को पद छोड़ने का आग्रह किया और दावा किया कि हसीना की वापसी निश्चित है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में केवल राजनीतिक उथल-पुथल नहीं, बल्कि एक “आतंकी आंदोलन” हो रहा है, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
उन्होंने मुहम्मद यूनुस के प्रति अपनी घृणा व्यक्त करते हुए कहा कि वह बांग्लादेश के नहीं हैं और उन्हें “वापस वहीं जाना चाहिए, जहां से वे आए थे” क्योंकि शेख हसीना “फिर से प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं।”
“हम बांग्लादेश के सलाहकार से इस्तीफा देने और वहां वापस जाने का अनुरोध करना चाहते हैं, जहां से वे आए थे। आप, डॉ. यूनुस, बांग्लादेश के नहीं हैं। यह बांग्लादेश के लोगों के लिए संदेश है कि शेख हसीना वापस आ रही हैं, वह फिर से प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं।
युवा पीढ़ी, आपने एक गलती की है, कुछ बुरी चीजें हुई हैं, लेकिन यह आपकी गलती नहीं है, आपको गुमराह किया गया है,” उन्होंने कहा ।
संकट में भारत की भूमिका
भारत की सहायता को स्वीकार करते हुए डॉ.आलम ने कहा, “हमारे कई नेता भारत में शरण लिए हुए हैं, और हम भारतीय सरकार के समर्थन के लिए आभारी हैं। विशेष रूप से, प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद, जिन्होंने शेख हसीना की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की।”
हसीना और उनके परिवार पर कानूनी कार्रवाई
बांग्लादेश में तनाव बढ़ता जा रहा है। ढाका की एक अदालत ने हाल ही में हसीना की धनमंडी स्थित संपत्ति ‘सुधासदन’ को जब्त करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, उनके परिवार के सदस्यों—बेटे साजिब वाजेद जॉय, बेटी सायमा वाजेद पुतुल और बहन शेख रेहाना—की संपत्तियां भी जब्त कर ली गई हैं। साथ ही, देश के भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (ACC) ने उनके परिवार से जुड़े 124 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है।
बांग्लादेश का भारत के खिलाफ विरोध
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के खिलाफ औपचारिक विरोध दर्ज कराया है। मंत्रालय ने हसीना द्वारा दिए गए बयानों को “झूठा और मनगढ़ंत” बताया और भारतीय सरकार से आग्रह किया कि वह सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर उनके “उत्तेजक बयानों” को रोकने के लिए कदम उठाए।
गिरफ्तारी वारंट और जांच जारी
जनवरी में, बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने हसीना और उनके दस करीबी सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए। इसमें पूर्व रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक बेनजीर अहमद शामिल हैं। इन पर गैर-न्यायिक हत्याओं और जबरन गायब करने के आरोप हैं।
पृष्ठभूमि: हसीना की बर्खास्तगी और अशांति
बांग्लादेश में 5 अगस्त को छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बाद हिंसक झड़पों में 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया गया। अपनी सुरक्षा के लिए वह भारत चली गईं, और बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनी। जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, बांग्लादेश की राजनीतिक भविष्यवाणी अनिश्चित बनी हुई है।
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