नाइट फ्रैंक के अनुसार, भारत में उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों (HNWIs) की संख्या—जिनकी संपत्ति $10 मिलियन से अधिक है—पिछले वर्ष 6% बढ़कर कुल 85,698 हो गई।
ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक द्वारा बुधवार को जारी द वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत में उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तिगत (HNWI) आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2024 में यह संख्या बढ़कर 85,698 हो गई, जो पिछले वर्ष 80,686 थी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह संख्या 2028 तक बढ़कर 93,753 होने का अनुमान है, जो देश की संपन्नता के बढ़ते परिदृश्य को दर्शाता है।
यह लगातार बढ़ोतरी भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, निवेश के बढ़ते अवसरों और विकसित हो रहे लग्जरी बाजार को उजागर करती है, जिससे देश वैश्विक संपत्ति सृजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की स्थिति में आ गया है।
भारत में अरबपतियों की संख्या में भी प्रभावशाली वृद्धि देखी गई है। वर्तमान में देश में 191 अरबपति हैं, जिनमें से 26 ने पिछले वर्ष ही इस सूची में जगह बनाई, जबकि 2019 में यह संख्या मात्र 7 थी।
कुल मिलाकर, भारतीय अरबपतियों की संपत्ति लगभग 950 बिलियन डॉलर आंकी गई है, जिससे भारत दुनिया में अरबपति संपत्ति के मामले में तीसरे स्थान पर आ गया है। इस सूची में अमेरिका ($5.7 ट्रिलियन) पहले और मुख्य भूमि चीन ($1.34 ट्रिलियन) दूसरे स्थान पर है।
“भारत की बढ़ती संपत्ति इसकी आर्थिक मजबूती और दीर्घकालिक विकास क्षमता को दर्शाती है,” नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों की संख्या अभूतपूर्व रूप से बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण उद्यमिता की सफलता, वैश्विक एकीकरण और उभरते उद्योग हैं।
सिर्फ संख्या में ही नहीं, बल्कि भारत के अमीर तबके की निवेश रणनीतियां भी बदल रही हैं। वे अपनी संपत्ति को विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों, जैसे कि रियल एस्टेट और वैश्विक इक्विटी में विविधता दे रहे हैं, जो एक परिपक्व और गतिशील संपत्ति पारिस्थितिकी तंत्र की ओर संकेत करता है।
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